मिस्टर त्रिपाठी को परेशान देखकर, मिसेज त्रिपाठी ने कारण पूछा। तो वो कहने लगे, बच्चों के भविष्य के बारे में सोच कर चिंता हो रही है! उनकी धर्मपत्नी, कहती हैं कि एक बार, एक राजा ने, एक जादूगर को जेल में डाल दिया, क्योंकि उसने, जादू से राजा का मुकुट गायब कर दिया था। उसकी पत्नी रोते हुए उससे मिलने आई। लेकिन जादूगर, आज भी खुश था। ये देखकर, वो बोली- तुम्हें 4 दिन बाद फांसी दे देंगे, और तुम्हें, हंसी सूझ रही है। जादूगर कहने लगा- अभी 4 दिन हैं ना, तब की तब देखेंगे। फिलहाल तो मैं, जिंदा हूं।
जब फांसी का दिन आया, तो जादूगर ने एक प्लान बनाया। राजा के सामने रोने लगा। राजा ने कारण पूछा तो कहता है- मैं इसलिए रो रहा हूं, क्योंकि मैं सालों से एक उड़ने वाला घोड़ा बनाने की, कोशिश कर रहा था। 1 साल में वो काम पूरा हो जाता, लेकिन अब मैं नहीं रहूंगा, तो मेरी बरसों की मेहनत, मेरे साथ ही, मर जाएगी। राजा को लालच आ गया। कहता है- एक साल के अंदर उड़ने वाला घोड़ा मुझे दो, वरना अगले साल, तुम्हें इसी दिन फांसी दे दी जाएगी। लोगों को इसका, पता न चले, इसलिए ये बात, सिर्फ उन दोनों के बीच रही। जेल से छूटकर, जादूगर अपने घर गया। पत्नी को सब बताया। उसने कहा, मुझे पता है, मैं नहीं ला सकता, लेकिन 1 साल है ना, कोई न कोई रास्ता, निकल आएगा।
कई दिन बीत गए। और अचानक, एक दिन खबर मिलती है कि राजा नहीं रहा। जादूगर की जान बच गई, क्योंकि अब न राजा और न रही घोड़े की बात। मिस्टर त्रिपाठी के चेहरे पर हल्की मुस्कान थी। ये कहानी, हमें आज में खुश रहना सिखाती है। कल कौन सी समस्या आएगी, ये सोचकर, हम अपना आज खराब कर लेते हैं। इसलिए कल की चिंता न करें।